economic news|शेयर बाजार के बज गये बाजे| आठ लाख करोड़ ठंडे| पढ़िये पूरी खबर

Share this news

सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस 

यूक्रेन व रूप के बीच बढ़ते टकराव का असर शेयर बाजार पड़ा है। इससे शेयर बाजार की बैंड ही बज गयी है। दरअसल, इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी हुआ और गुरुवार को बाजार खुलने के साथ ही धराशायी हो गया। कुछ ही मिनटों के भीतर ही निवेशकों को लगभग आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

मार्केट कैप में आई बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि बीते कारोबारी सत्र में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 255.68 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन गुरुवार को आई भारी गिरावट के कारण ये 248.09 लाख करोड़ रुपये से भी नीचे पर आ गिरा। फिलहाल, बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1800 अंक टूटकर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं।

मिडकैप-स्मॉलकैप को बड़ा झटका
बाजार की नकारात्मक धारणा के बीच मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को बड़ा झटका लगा है। आज के कारोबार में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमश: 576 अंक और 804 अंक की गिरावट आई। हालात ये हैं कि भारतीय इक्विटी बाजार में भी अस्थिरता बढ़ी, भारत वीआईएक्स शुरुआती कारोबार में 22.39 फीसदी चढ़कर 30.16 पर पहुंच गया है। सेंसेक्स के शेयरों की बात करें तो अभी तक 3.96 फीसदी की गिरावट के साथ टाटा स्टील, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक और टेक महिंद्रा प्रमुख गिरने वाले शेयरों में शीर्ष पर रहे।

16 फरवरी के बाद से बुरे दिन
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार में 16 फरवरी के बाद से जो उथल-पुथल मची है, उसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान झेलन पड़ रहा है। इसमें सबसे अहम भूमिका रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने निभाई है, जिसका दुनियाभर के बाजारों पर बुरा असर पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार तक बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कम आ गई थी। वहीं गुरुवार को आई गिरावट ने इस आंकड़े को और भी ऊपर ला दिया है।

ad12

ये हैं बाजार में गिरावट के कारण
बता दें कि शेयर बाजार में आए भूचाल के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार रूस और यूक्रन के बीच जारी तनाव है। पुतिन के संबोधन के बाद निवेशकों की धारणाओं पर असर पड़ा और एकदम से बाजार धराशायी हो गए। खबर के अनुसार, पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य कार्रवाई शुरू करने की घोषणा के बाद रूसी सेना कुछ यूक्रेनी शहरों पर बमबारी कर रही थी। निवेशकों के नजरिए से रूस की कार्रवाई संभवत: सबसे खराब स्थिति है।  इसके अलावा रूस-यूक्रेन संकट के कारण 2014 के बाद पहली बार वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गईं, इसका असर भी निवेशकों पर पड़ा है। वहीं तीसरे कारण की बात करें तो फरवरी डेरिवेटिव श्रृंखला गुरुवार को समाप्त हो रही है। भारत वीआईएक्स शुरुआती कारोबार में 22.39 फीसदी चढ़कर 30.16 पर पहुंच गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *