सीधी बात…इस गांव तक सड़क कब पहुंचेगी|आधा गांव कर चुका पलायन| द्वारीखाल से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल
चुनावी मौसम में भाषणों, वायदांे व आश्वासनों की बरसात ऐसी हो रही है कि एक बारगी तो ऐसा लगता है कि बस होने वाला ही है विकास।
लेकिन हकीकत तो यह है कि विकास केवल वायदों, भाषणों और आश्वासनों में तो खूब हुआ है लेकिन विकास जमीन पर नहीं उतर पाया है। वीरांन हो रहे गांव इसकी गवाही दे रहे हैं। राजनीतिक दलों को द्वारीखाल ब्लाक का दशमेरी गांव आइना दिखा रहा है। सड़क का इंतजार करते-करते आशा निराशा में बदल गयी है। नतीजतन, ग्रामीण चढ़ाई चढ़ने को मजबूर हैं। इंतजार करते-करते करीब आधा गांव पलायन कर चुका है।
द्वारीखाल ब्लाक के दशमेरी गांव की यह व्यथा चुनाव में ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है। वजह, एक बार फिर विकास के दावें खूब हो रहे हैं। अब खुद ही अंदाजा लगा लीजियेगा कि नेताओं के वायदों पर यह गांव कैसे यकीन करे। सड़क नहीं होने से ग्रामीण करीब चार किमी चढ़ाई चढ़ने को विवश हैं।
सड़क निर्माण का सर्वे जरूर हुआ लेकिन सर्वे के बाद जीरो बट्टा सन्नाटा जैसे हाल है। दशमेरी गांव का बाजार चैलूसैण है। ग्रामीण राशन, बैंक स्कूल पोस्ट ऑफिस आदि काम के लिए चार किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई चलते हैं। प्रधान सुजाता देवी , राजेन्द्र सिंह, अनिल सिंह, राजेश सिंह,रमेश सिंह ,बलबीर सिंह व समस्त ग्रामवासियो ने अपना रोष ब्यक्त किया है। रोड़ न होने से पलायन के साथ साथ ही जंगली जानवरों से भी ग्रामीण परेशानी झेल रहे हैं।