लैंसडोन सीट|…. तो उलझनों को सुलझाने में लगी कांग्रेस| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, लैंसडोन
चुनावी मौसम में सियासत की खासी गरमाहट है। प्रत्याशियों को मैदान में उतारने से पहले आलाकमान को खासी माथापच्ची करनी पड़ रही है। जिन सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुये हैं वहां की सियासत और इससे उपजे रहे कयासों व अटकलों के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। लैंसडोन सीट भी ऐसी ही है जहां कांग्रेस ने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में यहां भी कयासों का दौर तेज चल रहा है। आखिर भाजपा के दिलीप महंत को कांग्रेस की ओर से कौन टक्कर देगा।
हरक सिंह के कांग्रेस में आने के बाद लैंसडोन विधानसभा की सियासत के मायने एकदम बदल गये हैं। लैंसडोन से कांगे्रस की ओर से हरक सिंह की बहू अनुकृति गुसांई को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ऐसे कयास व अटकलें तेजी से हो रही है। ऐसे कयास हरक सिंह के कांग्रेस के शामिल होने के साथ ही शुरू हो गये थे। कांग्रेस ने पहली सूची जारी की तो लैंसडोन सीट पर पत्ते नहीं खोले। इससे लैंसडोन सीट पर सस्पेंस बना हुआ है।
दरअसल, लैंसडोन सीट पर प्रत्याशी घोषित करने से पहले डैमेज कंट्रोल को मजबूत व असरदार करने की खासी चुनौती है। मान लिया जाये कि यदि अनुकृति को प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो यहां नाराज होने वालों की लिस्ट आधा दर्जन से अधिक है। हाल के दिनों में इसके संकेत भी मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा ऐलान किया गया कि यदि अनुकृति को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया गया तो इस्तीफा दे देंगे। ऐलान करने वाले ज्यादातर इस सीट पर दावेदार माने जा रहे हैं।
बहरहाल, यदि अनुकृति को प्रत्याशी बनाना है तो इन रूठने वालों को मनाने की कारगर रणनीति भी होनी चाहिये और यदि अनुकृति पर दांव नहीं चलना है तो किसको प्रत्याशी बनाया जाये, यह भी रणनीति का हिस्सा है। यहां दावेदार भी आधा दर्जन हैं। वर्तमान में लैंसडौन विधानसभा से रंजना रावत, ज्योति रौतेला, दीपक भंडारी, राजेंद्र भंडारी, पिंकी नेगी, मनीष सुंदरियाल, गोपाल रावत, रघुवीर बिष्ट, मधु बिष्ट, रश्मि पटवाल, धीरेंद्र प्रताप और रामरतन नेगी संभावित दावेदारों मंे माने जाते हैं।