हरक के पूर्व नायब की कोटद्वार में सियासी पारी के आगाज़ की सुगबुगाहट|साभार-वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत
वर्ष 1991 से लेकर 2017 तक पौड़ी से लैंसडाउन, रुद्रप्रयाग से कोटद्वार तक के रणक्षेत्र में डॉ हरक सिंह के नायब रहे Vinod Rawat की कोटद्वार से भगवा ध्वज तले चुनावी मैदान में उतरने की चर्चाएं हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं कि जिस सियासी भँवर में आज फायर ब्रांड हरक फंसे हुए हैं ऐसे में निश्चित रूप से उन्हें अपने इस कुशल रणनीतिकार सहयोगी की कमी अवश्य खल रही होगी। कोटद्वार महाविद्यालय में योगी आदित्यनाथ के सीनियर रहे पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विनोद रावत वास्तव में पर्दे के पीछे से जिस कुशलतापूर्वक हरक सिंह के लिए रणनीति तैयार करते थे, उसी का नतीजा था कि अभी तक हरक सिंह रावत उत्तराखंड के सियासी रण के अजेय योद्धा रहे हैं।
हालांकि बीते पांच वर्षों में हरक के फैसलों में विनोद की दखलंदाजी काफी कम होने लगी थी, आखिर बीते एक वर्ष से विनोद रावत द्वारा शालीनतापूर्वक स्वयं को हरक सिंह से अलग कर दिया गया।
आज जहां हरक सिंह रावत अपने सियासी जीवन के घोर स्याह दौर से गुज़र रहे हैं वहीं ढाई दशक से उनके साथ साये की तरह खड़े रहने वाले विनोद रावत अपनी स्वयं की सियासी जमीन तलाशने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। चर्चा है हरक द्वारा छोड़े गए मैदान के लिए उनकी दावेदारी भी जोर शोर के साथ चल रही है। देखना है वह टिकट लेने में कामियाब होते हैं अथवा नहीं, और यदि पार्टी उनपर विश्वास व्यक्त करती है तो पहली बार विनोद रावत अपनी कुशल रणनीति का उपयोग स्वयं के लिए करेंगे।