अटूट बंधन को “आठवां ” फेरा | जानियेगा क्या है ये “आठवां “फेरा| मलखीत-ए-रौथाण
सिटी लाइव टुडे, मलखीत-ए-रौथाण
हिंदू धर्म में सात फेरों के खास मायने हैं। यह जन्म.जन्मांतर का अटूट बंधन माना जाता है। लेकिन अब विवाह को वैध करने के लिये आठवें फेरे की जरूरत भी हो गयी है। चैंकिये नहीं हम आपको बता देते हैं कि यह आठवां फेरा है क्या। जी हांए ये आठवां फेरा है विवाह का रजिस्ट्रेशन। भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिये विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकिए अभी लोग विवाह रजिस्ट्रेशन को लेकर ज्यादा जागरूक भी नहीं हैं।
ऐसे करायें विवाह का रजिस्ट्रेशन
जिले के सब.रजिस्ट्रार कार्यालय में विवाह का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इस कार्यालय में विवाह रजिस्ट्रेशन आवेदन दाखिल करना होता है। आवेदन पत्र में अंकित समस्त वांछित जानकारियों को भरने के साथ ही आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होते हैं। शादी के समय सर नेम में बदलाव होने के चलते आवेदन में इस बात का जिक्र जरूर करें और इसका प्रमाण पत्र भी संलग्न करें। साथ ही तीन गवाहों की भी पेश करने होते हैं। इनके नामए पते आदि भी आवेदन पत्र में ंअंकित करना होता है। ये प्रकिया होने के बाद जांच की जाती है। जांच में सबकुछ सही मिलने पर आवेदन के करीब एक माह बाद आपको मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता है।
ये हैं लाभ
.विदेश यात्रा करने के लिये पासपोर्ट या वीजा बनाने के लिये मैरिज सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। ज्वाइंट एकाउंट खुलवाने और ज्वाइंट प्रापेर्टी खरीदने के लिये भी मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी है।
……………………………….
आवश्यक प्रमाण.पत्र
………………………….
मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिये जरूरी है कि आप जहां रह रहे हों वहां का निवास प्रमाण.पत्र जमा करना होता है। वोटर आईडी कार्डए राशन कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस तथा पत्नी विवाह से पहले जहां रहती थी वहां का एड्रेस प्रूफ भी जरूरी है। इसके अलावा पति.पत्नी का जन्म प्रमाण पत्र या फिंर शैक्षणिक प्रमाण.पत्र भी जमा करना होता है। इसी प्रकार से विवाह का कार्ड विवाह के कुछ रंगीन फोटोग्राफ्स भी प्रस्तुत करने होते हैं। इसी प्रकार से पति व पत्नी को दो अलग.अलग हलफनामा और दो.दो कलर फोटो भी पेश करने होते हैं। उक्त समस्त प्रमाण.पत्र अटेस्टेड होने जरूरी हैं।
………………………………..
विशेष
हिंदू विवाह अधिनियम.1955. इसके तहत भारत के हिंदुओं के विवाह का रजिस्ट्रेशन होता है।
विशेष विवाह अधिनियम.1954. इस अधिनियम के तहत भारत में रहने वाले अन्य धर्मों के लोगों का विवाह रजिस्ट्रेशन किया जाता है।
हर नागरिक को विवाह का रजिस्ट्रेशन करना चाहिये। मौजूदा समय में लोग विवाह का रजिस्ट्रेशन कराने का जागरूक होने लगे हैंै और इसके महत्व को भी समझने लगे हैं।
मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। पहले लोग जागरूक नहीं थे अब जागरूक होने लगे हैं और विवाह का रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। यह अच्छी बात है। हालांकि अभी भी विवाह रजिस्ट्रेशन को लेकर अपेक्षित जागरूकता नहीं है लेकिन जागरूकता बढ़ जरूर रही है।
………………………………..