लैंसडाउन| कालौं डांडा की अनुपम छटा. सैलानियों को रही है लुभा| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा


उत्तराखंड को कुदरत ने खुले हाथों से नेमतें बख्शी हैं। यहां की खूबसूरत वादियां हर किसी को अपनी ओर खींच लेती हैं। जनपद पौड़ी की लैंसडाउन भी ऐसी ही जगह हैं जो सैलानियों का खासा पसंद हैं। आइये सिटी लाइव टुडे में लैंसडाउन की सैर शब्दों के जरिये करते हैं। पेश है यह खास रिपोर्ट।


समुद्र तल 1780 मीटर की ऊँचाई पर बसा यह शांत व सुंदर हिल स्टेशन ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है। इसे 1887 में ब्रिटिश शासन काल में वाइसराय लार्ड लैन्सडॉउन कर नाम पर बसाया गया था। इसका मूल नाम कालोडांडा था जिसका अर्थ गढ़वाली भाषा मे काला पहाड़ होता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का यह प्रसिद्ध गढ़ रहा है। और गढ़वाल राइफल्स का गढ़ भी है। आप यहाँ गढ़वाल राइफल्स वॉर मेमोरियल और रेजिमेंट म्यूजियम देख सकते हैं। यहाँ गढ़वाल राइफल्स से जुड़ी चीजों की झलक पा सकते हैं। इसके करीब ही परेड ग्राउंड भी है, जिसे आम पर्यटक बाहर से ही देख सकते हैं।


प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस इलाके में देखने लायक काफी कुछ है। प्राकृतिक छटा का आनन्द लेने के लिए टिप इन टॉप जाया जा सकता है। यहाँ से बर्फीली चोटी और मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। दूर-दूर तर फैले पर्वत और उनके बीच छोटे-छोटे कई गाँव आसानी से देखे जा सकते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अद्भुत प्रतीत होता है। साफ मौसम में तो बर्फ से ढँके पहाड़ों की लम्बी श्रृंखला दिखती हैं।

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पास में ही 100 साल से ज्यादा पुराना सेंट मैरीज़ चर्च भी है। यहाँ की भुल्ला ताल बहुत प्रसिद्ध है। यह एक छोटी-सी झील है जहाँ नौकायन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। शाम को सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा संतोषी माता मंदिर से दिखता है। यह मंदिर लैंसडाउन की ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। वैसे, यहाँ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ताड़केश्वर मंदिर भी है। यह भगवान महादेव का प्राचीन मंदिर है

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