ऐंसु क् साल बग्वाल डेरा मा मनौंला |बहुत कुछ बयां कर रही हेमू भट्ट की कविता | पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


इगास-बग्वाल की हार्दिक शुभकामनायें। उत्तराखंड के लोक-जीवन मंे यह लोक पर्व बेहद ही खास है और इस बार यह और भी खास हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने इस बार इगास पर अवकाश भी घोषित किया है। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद उम्मीदें अभी पूरी नहीं हुयी हैं। आस-विकास के सपनों पर ग्रहण लगा हुआ है। साहित्यकार हेमवती नंदन भट्ट हेमू ने उत्तराखंड राज्य प्राप्ति के बाद उपजी उम्मीदों व इगास-बग्वालन को बेहतर तरीके से पेश किया है। प्रस्तुति है साहित्यकार हेमवती नंदन भट्ट हेमू की यह कविता।

मुल्क चलि जौंला / हेमवतीनंदन भट्ट हेमू

ऐंसु क् साल बग्वाल डेरा मा मनौंला उत्तराखंड बणिगे हेजि मुल्क चलि जौंला।

हां प्यारी राज मिलिगे डेरा लौटि जौंला सूनि तिबार्यूं बांजी ड्वखर्युं आबाद बणौंला।

दिल्ली लखनौ कि टकटकी टूटिगे अब बटि अपड़ि भौ- भयात सरकार होलि भोल बटि चला धौं इगास बग्वाल गौंमा मनै औंला।

उत्तराखंड बणिगे… बिसरि गयूं मै त घुघूती कन बसदि हिलांस काफल हिंसरौं फरैं टक्क लगिं सांस बांज कि जौड्युं कु पाणि बरसुं बाद प्यौंला।

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उत्तराखंड बणिगे… बरसु धीरज बंधायुं आंख्युं तैं डमायुं चा अस्यायू पस्यौयू ल्वै बि पाणि जन बगायूं चा वूं शहीदुं कि भूमि मा फूल चढ़ै औंला। उत्तराखंड बणिगे हेजि मुल्क चलि जौंला..।

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