ज्ञान के अथाह भंडार थे भाई जी | अध्ययन की भूख कभी नहीं गयी | साभार-संदीप रावत की सोशल मीडिया कलम से

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साभार-संदीप रावत, संवाददाता-हिंदुस्तान टाइम्स, हरिद्वार, सोशल मीडिया कमल से


उत्तराखंड या उत्तर प्रदेश के कितने विधायकों से हम महात्मा गांधी, पंडित राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु की जीवनी व उन पर लिखी पुस्तकों पर चर्चा कर सकते हैं या कार्ल मार्क्स, सोवियत यूनियन के 1991 के विघटन ,पूर्वी व पस्चिमी जर्मनी का विलय। उत्तराखण्ड में जल संरक्षण व सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था को सभी 13 जनपदों की आवश्यकता के अनुसार क्रियान्वन हों जैसे अमूल्य सुझाव केवल अम्बरीष कुमार से ही मिल सकते थे। ये सुझाव आज भी बेहद प्रासंगिक हैं।

दशकों से हरिद्वार मे द ट्रिब्यून व हिंदुस्तान टाइम्स के साथ जनसत्ता ,अमर उजाला, इंडिया टुडे, रीडर्स डायजस्ट व सम सामयिक पुस्तकों के वे गहन अधययन करते थे।
आत्रेय न्यूज एजेंसी ज्वालापुर, पुल जटवाडा पर वे शर्मा भाइयों की दुकान पर अक्सर अध्ययन व चर्चा करते नजर आ जाते थे।

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उत्तर प्रदेश विधान सभा में उनका तीन श्रेष्ठ विधायकों मे चयनित होना 400 सदस्यों मे से अम्बरीष कुमार के विधायी, संसदीय कौशल व वाक शैली को स्वतः ही प्रमाणित करता है। उनसे कई बार साक्षत्कार के लिए भेंट हुई और हर बार नई पुस्तक , आत्म कथाओं ,देश-विदेश के ज्वलंत व गंभीर विषयों पर चर्चा होती रही। हरिद्वार व उत्तराखंड मे पूर्व वित, संचार, पेट्रोलियम केन्द्रीय मंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के भी अम्बरीष कुमार काफी करीबी रहे। कई उपयोगी किस्से वे वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव आदि के साझा करते थे। ऐसे चिंतक व जनप्रिया नेता की कमी हरिद्वार व उत्तराखण्ड को खलेगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शन्ति प्रदान करे।

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