पचास प्रतिशत क्षमता के साथ कोचिंग सेंट्रो को खोला जाये | जानिये किसने की सीएम से ये मांग

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 -कोचिंग संस्थानों को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने की अनुमति प्रदान करने की मांग 

-संस्थानों के संचालक और उनके जरिये रोजगार पाए लोग भी इस समय बेकारी का दंश झेल रहे हैं

-तालाबन्दी के कारण कई शिक्षक पहले से ही भारी कर्ज के तले दबे हुए हैं

देहरादून | हरिद्वार 

सीएफआई जो कि कोचिंग फेडरेशन आफ इंडिया की राष्ट्रव्यापी संस्था है जो शिक्षक और कोचिंग के हित में कार्य करती है इसके संयोजक आशीष गंभीर, प्रेसीडेंट रवि वर्मा, जॉइंट्स सेक्रेटरी राजेश तिवारी और सदस्यगण रवि रंजन, वैभव राय, पी. के. सम्राट की टीम ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से सीएफआई की तरफ से मिलकर कोचिंग को फिर से खोलने के लिए सीएफआई का पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से विनम्रता पूर्वक राज्य में कोचिंग संस्थानों को पूरी तरह से बंद मामले की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया | 

 कहा कि अप्रैल महीने से कोचिंग पूर्ण रूप से बंद होने के बाद कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों जो या तो फुल टाईम या पार्ट टाइम इस पेशे से जुड़े हुए हैं उनके लिए बेहद दर्दनाक स्थिति है। कोचिंग संस्थानों के संचालक और उनके जरिये रोजगार पाए लोग भी इस समय बेकारी का दंश झेल रहे हैं और आगे भी स्थिति कुछ बेहतर होने की उन्हें उम्मीद नहीं दीख रही है।

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 पिछले साल से पूर्ण तालाबन्दी के कारण कई शिक्षक पहले से ही भारी कर्ज के तले दबे हुए हैं । उन्हें अभी भी उस मकान का किराया देना पर रहा है जिसमें वो अपना शिक्षण संस्थान का संचालन करते थे। जिन स्कूलों में उनके बच्चे पढ़ रहे हैं, उनकी ट्यूशन फीस, घर का खर्च का दबाव बढ़ता जा रहा है और वो कर्ज के तले दबे जा रहे हैं। ऐसे हालात में उनके अंदर मानसिक तनाव बढ़ता चला जा रहा है और भविष्य में यदि ऐसे हालात रहें तो मुश्किलों का सामना करना और बेहद कठिन हो जायेगा। मुख्यमंत्री से विनम्रता आग्रह किया कि सार्वजनिक उपयोगि जैसे रेस्तरां, होटल आदि 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल रहे हैं उसी तरह कोचिंग संस्थानों को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने की अनुमति प्रदान की जाये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कोचिंग चलाने के लिए सभी एसओपी का पालन करने का आश्वासन देते हैं।

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