आओे | आरती से जाने आत्म साक्षात्कार कैसे करें, पढ़िये पूरी खबर

Share this news

संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिये योग जरूरी
शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास करता है योग
सात समंदर पार भी जगी है योग सीखने की ललक
सिटी लाइव टुडे, दिल्ली


हम औरों से तो मिलते हैं लेकिन अपने-आप से नहीं मिल पाते हैं। कहने का मतलब यह है कि आत्म साक्षात्कार नहीं कर पाते हैं। जब हम आत्म साक्षात्कार कर लेते हैं तो जीवन का सार भी समझ में आ जाता है। लेकिन सवाल यह है कि आत्म साक्षात्कार कैसे करें। जवाब है कि योग के माध्यम से। आरती शर्मा यही काम कर रही है। आनलाइन योग सिखाकर बाद खुद से खुद को मिला रही है। यूं कहें कि जीवन जीने का सलीका व कला सिखा रही हैं।

पौडी जनपद के द्वारीखाल क्षेत्र के जुयाल गांव निवासी आरती शर्मा दिल्ली मंे रहती है और दिल्ली में ही पली-बढ़ी भी है। इस वक्त वह उत्तराखंड संस्कृत विवि से योगा मे मास्टर डिग्री में अध्ययनरत हैं। एक बार की बात है आरती के स्कूल में योग के कुछ आसन्न करवाये जा रहे थे और आरती ने इन आसन्नों को सहजता से पूरा कर लिया। बस यहीं से आरती में योग के प्रति क्र्रेज बढ़ता गया और स्कूलिंग के दौरान योग में ही गोल्ड मैडल भी प्राप्त कर लिया। आरती कहती हैं कि योग से शारीरिक, मानसिक व आध्यत्मिक विकास होता है जो संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिये बेहद जरूरी है।

आरती की योगा की आनलाइन क्लासेज में देश ही नहीं विदेशी भी शामिल होते हैं और आरती देश-विदेशियों को योगा की सिखा रही हैं। दरअसल, योग के बिना जीवन अधूरा है और योग के जरिये ही हम खुद से मिलकर खुद को पहचान पाते हैं। आरती कहती हैं कि हर व्यक्ति को योग जरूर करना चाहिये। योग ही तो है तो आपके अंदर सकारात्मक उर्जा का संचार करता है और जीवन का मूल सार भी समझाता है। आइये, आप और हम भी योग करें।

ad12

हठयोग योग
ह और ठ से मिलकर हठ शब्द बना है। इसमें ह का मतलब पिंगा नाडी व सूर्य स्वर है। इसी प्रकार से ठ का मतलब इडा नाडी व चंद्र स्वर से है। सूर्य को उर्जा का प्रतीक और चंद्र को शीतलता का प्रतीक माना जाता हैै। इन दोनों की शक्तियों को संतुलित करने के लिये हठ योग किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *