कालखंड को चीरती अखंड ज्योति -95 साल से प्रज्ज्वलित हो रही है यह अखंड जोत
-शांतिकुंज में इस दीप के दर्शन को आते हैं विदेशी भी
-हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में विराजमान है यह अखंड दीप
-एक मिनट दर्शन करने से हो जाते हैं सकल मनोरथ सिद्ध
धर्म-अध्यात्म, डेस्क
ज्योति या जोत का हिंदू धर्म में खासा महत्व है। कहा जाता है कि अगर कोई दीप 18 साल तक अनवरत प्रज्ज्वलित होती रहे तो वह स्वयं सि़द्ध हो जाती है। यहां तो एक ऐसा दीपक है जो करीब 95 सालों से लगातार प्रज्ज्वलित होकर अंधियारे के सीने को छलनी कर प्रकाश बिखेर रहा है। कहते हैं कि इस दीपक के एक मिनट दर्शन करने मात्र से ही जीवन के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा दीपक है कहां। देश-दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में यह दीप 95 से सालों से अनवरत प्रज्ज्वलित होकर दिव्य व भव्य आभा बिखेर रहा है। इसके दर्शन को सात-समंदर पार से भी आस्थावान खीचें चले आते हैं।
सिटी लाइव-टुडे में पेश करते हैं यह खास रिपोर्ट। जिसमें जिक्र करते हैं इस अंखड दीप का जो कि लगातार 95 साल से प्रज्ज्वलित हो रहा है। अब जरा इसके इतिहास पर नजर डालते हैं। बताते हैं कि साल-1926 में हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के संस्थापक युग़ऋषि आचार्य श्रीराम शर्मा ने इस अखंड दीप को गाय के घी से प्रज्ज्वलित कर और इसी सामने बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करते हुये गायत्री के 24 हजार करोड़ गायत्री महामंत्र जप का अनुष्ठान संपन्न किया था। आचार्यश्री का कहना था कि यह दीप सामान्य दीप नहीं है गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की आत्मा है जहां स्वयं गायत्री वास करती है। उनका कहना था कि इस अखंड दीप के सामने बैठकर साधना करने से मन-मंदिर में दिव्य भावनाओं का संचार होता है। कभी-कभी जीवन में ऐसा भी समय आता है जब उलझनों व विपदाओं को दूर करना हमारी सामान्य बुद्धि से बाहर हो जाता है। ऐसे मेें इस अखंड दीप की रोशनी सारी विपदायें दूर कर देती हैं।
लोक कल्याण व मंगल की भावना को साकार करने के मकसद से इस अखंड दीप में रोज गायत्री मंत्रों का जाप किया जाता है। खास बात यह है कि देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से ही बड़ी संख्या में आस्थावान इस अखंड दीप के दर्शन को आते हैं।