Garhwal News…साकनी बड़ी गांव की रामलीला| ” कुछ तो खास है कुछ तो बात है “| जगमोहन डांगी की Report
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-जगमोहन डांगी, पौड़ी
अपने पौड़ी गढ़वाल में जगह-जगह हो रहे श्रीराम लीला मंचन अपनी-अपनी अलग-अलग विशेषताओं के लिये बहुत दूर तक जाने जाते हैं। इनका ऐतिहासिक पक्ष जितना पक्ष है उतना ही धार्मिक और मंचन की अद्भुत शैली भी। ऐसा ही श्रीराम लीला मंचन है साकनी बड़ी का। यहां के मंचन की चर्चायें भी बहुत दूरत तक होती हैं। आखिर कुछ तो बात होगी और कुछ तो खास होगा। इस खबर में इसी का जिक्र करते हैं। हमारे संवाददाता जगमोहन डांगी ने साकनी बड़ी की रामलीला का बारीकी से तथ्यपरक उल्लेख किया है। आइये सीधे अब साकनी बड़ी की रामलीला का जिक्र करते हैं। खबर को अंत तक पढ़िये तभी पूरा महत्व समझ पायेंगे और शेयर भी जरूर कीजिये।
दरअसल, विकास खंड कल्जीखाल पट्टी पूर्वी मनियारस्यूं के साकनी बड़ी की रामलीला ने 45 वीं साल में प्रवेश हो गयी है। इस धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी बखूभी आगे बढ़ा रही हैं। जहां अन्य गांवों की रामलीलाएं मंचन सात दिवसीय होती वही साकनी बड़ी गांव की रामलीला आठ दिवसीय होती है। यह प्रथम दिवस शिव लीला,रावण का कैलाश पर्वत उठाने का प्रयास, इंद्र और मेघनाथ युद्ध ,मेघनाथ और शेषनाग युद्ध का मंचन विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। साथ ही कुछ वर्षों से महिला पात्रों की अभिनय बालिकाएं ही कर रही है।
आठ दिवसीय रामलीला मंचन के छठवां दिवस पर बाली सुग्रीव युद्ध हनुमान प्रगट होना,लंका दहन, अंगद रावण संवाद,दृश्य दर्शकों को खूब पसंद आए दर्शकों ने कलाकारों के बेहतर अभिनय पर खूब तालिया बजाई। रामलीला मंचन 14 नवंबर से शुरू हुई थी। जो कि 21 नवंबर तक श्रीराम का राज्याभिषेक तक चलेगी|
विगत दो दशक से हमारे क्षेत्रीय संवाददाता द्वारा हर्ष वर्ष साकनी बड़ी रामलीला मंचन को दैनिक जयंत समाचार पत्र में प्रकाशित किए जाने पर संवाददाता को साकनी बड़ी रामलीला समिति द्वारा सम्मानित किया गया रामलीला का शुभारंभ श्रीमती सरस्वती देवी पत्नी स्वर्गीय जय किशन नैथानी,एवं श्रीमती भगवंती देवी पंवार पत्नी स्वर्गीय भगवान सिंह पंवार द्वारा संयुक्त रूप में किया गया। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष जसवंत सिंह रावत,रामलीला समिति के निदेशक नरेंद्र सिंह गुसाईं,सचिव सुरजीत पंवार,मंच संचालन राकेश रावत संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह रावत एवं हरि सिंह नेगी की मौजूदगी रही।
जब रामलीला मंचन का शुभारंभ और अभिनय महिलाए ही करेगी तो महिला सशक्तिकरण की और क्या मिशाल हो सकती है। इसी लिए क्यों खास है साकनी बड़ी गांव की रामलीला